narco test

Narco Test:- नार्को टेस्‍ट एक ऐसा टेस्‍ट है जिसका प्रयोग अपराधी या आरोपी व्यक्ति से सच उगलवाने के लिए किया जाता है आपने कई बार समाचार पत्रों (Newspapers) में और न्‍यूज चैनलों (News channels) पर इस टेस्‍ट के बारे में सुना होगा पर क्‍या आप जानते हैं ये टेस्‍ट क्‍या होता है और कैसे किया जाता है अगर नहीं तो आइये जानते हैं क्‍या होता है नार्को टेस्ट और ये कैसे किया जाता है

दरअसल ये टेस्‍ट उन अपराधीयों पर किया जाता है जो अपराधी आपने अपराध को छुपानी की कोशिश कर रहा हो या अपराध के बारे में पता होने पर भी पुलिस या जॉच ऐजेंसीयों को नहीं बता रहा है तो ऐसे कैस में अपराधी का नार्को टेस्‍ट किया जाता है और आजकल भारत में यह टेस्‍ट बहुत ही प्रचलित है|

हर छोटे बडे कैस में नार्को टेस्‍ट की मांग की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस टेस्‍ट को होने के बाद सब सच बाहर आ जाऐगा और कैस सोल्‍व हो जाऐगा लेकिन ऐसा विल्‍कुल भी नहीं है कि जिस अपराधी पर नार्को टेस्‍ट हो रहा है वो विल्‍कुल सही ही बोले कई बार बहुत शातिर आपराधी इस टेस्‍ट को कर रही टीम को भी चकमा दे देते हैं तो ये 100 प्रतिशत सही नहीं माना जाता है ये टेस्ट फॉरेंसिक एक्सपर्ट, जांच अधिकारी, डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक आदि की टीम एकसाथ मिलकर करती है.

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कैसे होता है नार्को टेस्‍ट – (How is narco test)

इस narco test में अभियुक्त के शरीर में ट्रुथ ड्रग (Truth drug) नाम की एक साइकोएक्‍टिव दवा (Psychoactive medicine) या फिर सोडियम पेंटोथॉल (Sodium pentothanol) या सोडियम अमाइटल (Sodium Amitel) नाम का इंजेक्‍शन लगाया जाता है इससे अभियुक्त के शरीर की नशों में जाते है|

यह केमिकल अपनी प्रतिक्रिया दिखने लग जाता है, जिसका परिणाम अभियुक्त गहरी नींद में जाने लगता है, जिसको बेहोशी की हालत भी कहा जा सकता है, इस हालत में व्यक्ति को न तो पूरी बेहोशी ही आती है और न ही पूरा होश में रहता है इस दवा का असल कुछ समय के व्‍यक्ति के सोचने समझने की छमता को खत्‍म कर देता है और व्‍यक्ति न चाहते हुऐ भी सच बोलता है|

इस टेस्‍ट के दौरान व्‍यक्ति के शरीर की प्रतिक्रिया भी देखी जाती है जिसमें व्‍यक्ति को स्‍क्रीन पर कुछ विजुअल दिखाये जाते हैं जिसमें शुरूआत में कुछ वेसिक विजुअल दिखाये जाते हैं और बाद में कैस से जुडे कुछ फोटो और विडियों उस व्‍यक्ति को दिखाये जाते हैं और फिर व्‍यक्ति के शरीर की प्रतिक्रिया भी देखी जाती है और उसके शरीर की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि व्‍यक्ति उस कैस से जुडा है या नहीं.

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narco test से पहले की सावधानियां (Precaution before narco test)

आपको बता दें इस टेस्‍ट को करने से पहले व्‍यक्ति की शरीर की पूरी तरह से जॉच की जाती है पूर्ण रूप से स्‍वथ्‍य व्‍यक्ति के साथ ही इस टेस्‍ट को किया जाता है व्‍यक्ति के शरीर जेंडर और उम्र के हिसाब से इस टेस्‍ट की दवा दी जाती है यदि व्यक्ति बीमार अधिक उम्र या शारीरिक और दिमागी रूप से कमजोर होता है तो इस टेस्ट का परीक्षण नहीं किया जाता है कई बार इस दवा की ज्‍यादा डोज व्‍यक्ति के घातक सावित हो सकती है साल 2010 में केजी बालाकृष्णन की तीन जजों की खंडपीठ ने कहा था कि जिस व्यक्ति का नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफ टेस्ट लिया जाना है उसकी सहमति बहुत जरूरी है.

कैसे होता है narco test ? क्यों महत्वपूर्ण होता है ये टेस्ट

इसीलिए सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी को narco test के लिए कोर्ट से अनुमत‍ि लेना जरूरी होता है लेकिन कई कैसों में केवल कोर्ट के आदेश पर भी ये टेस्‍ट की जा सकता है चाहे जिस पर ये टेस्‍ट होना है वो व्‍यक्ति सहमत हो या ना हो हालांकि देश में नार्को परीक्षण के अलावा सच उगलवाने के लिए पॉलीग्राफ (Polygraph), लाई डिटेक्टर टेस्ट (Lie detector test) और ब्रेन मैपिंग टेस्ट (Brain mapping test) किया जाता है

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