होली का महत्व:- भारतीय समाज में होली के त्योहार को अधिक महत्व दिया जाता हैं। जो सभी धर्मो, जातियों ,संस्कृतियों आदि के लोग मनातें जाता हैं। होली रंगों का त्योहार हैं। यह सारी दुश्मनी और कड़वाहट या एक – दुसरे के प्रति ईष्या कि भावना को भुलाकर एक – दूसरे को गले लगाने और मिलने – जुलने का त्योहार हैं। हमलोंग खुब खाते और सगें संबंधियों एवं दोस्तों को भी खिलातें हैं।
होली का महत्व या होली मनानें का मुल कारण
इस त्योहार (Festival) के मूल में एक कथा हैं। सतयुग में हिरण्यश्यपु नामक एक राक्षस राजा था। वह अपने आतंक के लिए जाना जाता था। वह विष्णु के उपासक अपने पुत्र प्रहलाद को मारना चाहता था। हिरणयकश्यपु भगवान विष्णु का प्रबल शत्रु था। उसने स्वयं को ईश्वर घोषित कर रखा था।
पहले तो उसने प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से मना किया पर जब प्रहलाद ने विष्णु भनवान की पूजा करना नहीं छोडा़ तब हिरणयकश्यप ने प्रहलाद को तरह-तरह के उपायों से मारना की चेष्टा की। पर ऐसे सारे उपाय विफल हो गये।
हिरण्यश्यपु की बहन होलिका को वरदान में एक ऐसी चादर पाप्त थी, जो आग में नही जलदी थी । होलिका ने अपने भाई से कहा कि वह प्रहलाद को गोद मे लेकर आग में बैठ जाएगी। वह अपनी चादर के चलते बच जायूगी और प्रहलाद जलकर राख हो जाएगा।
पर हुआ इसका उल्टा ही ।प्रहलाद बच गया और होलिका जलकर राख हो गयी।होली मनाने का यही कारण हैं।
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जित है । होली से एक रात पूर्व एक बडा़ – सा अग्निकुण्ड बनाया जाता हैं।
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होली कब मनाया जाता है ?
होली रंगों का त्योहार हैं। यह फाल्गुन के महीने में मनाया जाता हैं। होली को पूरे भारत देश में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। होली हिंदूओ का मूल त्योहार है।लेकिन इसे लगभग सभी धर्म के लोग मानते है। होली का महत्व प्रेम और भाईचारा का अनुभव करता हैं। इस दिन सभी एक दूसरे को रंग लगाते है।
होली एक भारत का प्रसिद्ध त्योहार हैं। जिसे रंगों के त्योहार के रूप में जाना है। होली (होली का महत्व) ज्यादातर मार्च की महीनो में परता है। होली बसंत ऋतु के शुरुआत और सर्दियों के अंत में आता है। यह त्योहार भारत के लोग तीसरा माह में मनाया जाता है। होली हमारे देश का प्राचीन और प्रमुख त्योहार है । यह त्योहार हर साल बहुत हाशी खुशी से मनाया जाता हैं। भारत में होली का उत्सव अलग अलग देश में अलग अलग तरीका से मनाया जाता हैं।
होली का महत्व || होली कब मनाया जाता है ?
होली आनंद से भरा रंगों का त्योहार है , यह प्रमुख रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता हैं। यह पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च के महीने में होली की खूबसूरती बहुत सुन्दर लगता हैं।होली के अवसर पर हमने सब से ज्यादा बच्चो को खुस होते देखा है , इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते है। (होली का महत्व)
होली के एक दिन पहले सारे गांव व शहरों के खुले जगहों में होलिका दहन परंपरा निभाई जाती हैं। जिसे देहाती भासा में समत के नाम से जाना जाता हैं। जिसमे बहुत सारी लकड़ी को एकत्र कर के उसमे आग लगाया जाता हैं। उसे समत या होलिका दहन कहा जाता हैं। ( (होली का महत्व) ) और सबसे ज्यादा खुशी मिलती है जन हमारे घरों में मालपुआ बारी कचरी पकौरी बनता है।
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होली सभी पूरी मस्ती में डूबे रहते है और कब मस्ती होती है , ये दिन भी क्या याद रहते हैं।हम अपने बडो़ से आशीर्वाद लेते है उनके बदले उनका पैर पे गुलाल रख के उनसे अपने गालों में गुलाल लगवाते है , और अपने से छोटे को खूब सारा प्यार देते है , हम एक दूसरे को रंग लगाते है , रंग को पानी में मिला कर सभी को लाल पीला हरा नीला कर देते है ,अभी जो आने वाला है उसकी बरी दिन से इंतजार है ।
होली का मजा मेरे गांव में है, होली आने की सब को खुशी होती है । जिसने हमे अपने पूरे परिवार से मिलने का मोका मिलता है, और घर जाने का छोटी मिलती है, अपने गांव परिवार के साथ खुसिया बाटने का मोका मिलता है ,और छोटी बच्चे यह उम्मीद में रहते है, की पापा आयेंगे तो मिठाई लायेंगे और ढेर सारा रंग पिचकारी होली एक रंग बिरंगा त्योहार है।
होली जिस में हम सारे दोस्त यार मिले एक दूसरे को रंग लगाते है, और होली की सुनकमना देते है ,होली बहुत ही पुरानी राधा कृष्ण के समय का त्योहार है । जिसमे राधा कृष्ण गोकुल में खेले थें। और इसी समय से होली खेला जाता है, होली के दिन पूरासरकरी काम काज बंद रहता हैं,सभी को छोटी मिलती है मस्ती करने का हिंदुओ का होली ही एक ऐसा त्योहार हैं। जिसमे मांस मछली खाया जाता हैं। लोगो का प्रसिद्ध त्योहार है जिसकी इंतजार सब को रहती हैं।
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