Self Charging Electric Car:- अपको बता दें कि जर्मनी की एक कंपनी (Company of a Germany) न्यूट्रिनो जो कि सेल्फ चार्जिंग कार (Self Charging Electric Car) के मॉडल पर काम कर रही है। इसके लिए केंद्र के साथ ही एक इंडियन कंपनी (Indian Company) के साथ ही न्यूट्रिनो का करार हुआ है।
फॉसिल फ्यूल की डिपेंडेंसी को खत्म करने के लिए पूरे विश्व की तमाम सरकारें (Government) कोशिशों में लगी हुई हैं। इसी के लिए सस्टेनेबल एनर्जी की मांग में अधिक गति भी हुई है। किन्तु तकनीक का पूरी तरह से विकास नहीं होने की वजह से फिलहाल इन्हें मुख्य धारा में लाना या मानना गलत हो सकता है।
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सस्टेनेबल एनर्जी डिपेंडेंसी का एक बड़ा उदाहरण है इलेक्ट्रिक कार (Self Charging Electric Car)। इन कारों के साथ हाल ही में सबसे बड़ी समस्या समस्या सामने आई है और यह समस्या है चार्जिंग की।
इन्हें कंटिन्यू (Continue) चार्ज करना पड़ता है और चार्जिंग स्टेशंस की संख्या विश्व भर में फिलहाल ही बहुत कम उपल्ब्ध है । वहीं दूसरी ओर इनके चार्ज होने में लगने वाला घंटों का समय का समस्या भी है।
इन सभी समस्याओं से सामाधान पाने के लिए जर्मनी की कंपनी न्यूट्रिनो एनर्जी क्लीन रिन्यूएबल पावर एक लाजवाब सॉल्यूशन (Amazing Solution) के साथ सामने आई है। कंपनी अब क्वांटम टेक्नोलॉजी और AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के इंटीग्रेशन की मदद से एनर्जी पैदा करने का काम पर लगी हुई है।
इकोनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की एक रिपोर्ट के मुताबीक हाल ही में कंपनी ने इंडियन कंपनी स्पेल के साथ समझौता किया है जो कि सुपरकैपेसिटर बनाने का काम करती है।
वहीं न्यूट्रिनो ने एक नई परियोजना के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के साथ मिलकर ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट (Green Energy Development) के लिए 2.5 बिलियन यूरो के निवेश की घोषणा भी की गई है।
इसके तहत कंपनी सेल्फ चार्जिंग इलेक्ट्रिक कार (Self Charging EV) को डेवलप भी करने वाली है। ये कार आने वाले कुछ वर्ष के अंदर ही मार्केट में दस्तक दे चुकी होगी।
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क्या Self Charging Electric Car संभव है ? आईए जानते हैं
Company ने हाल ही में एटोमिक लेवल (Automatic level) पर न्यूट्रॉन इंटरेक्शन को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है। रिसर्चर्स में कुछ खास मेटिरियल का उपयोग करके एनर्जी को जंप करवा के कनवर्ट करेंगे।
आम भाषाा में कहें तो अणुओं के विभाजन से इस एनर्जी को पैदा किया जाएगा। इस पूरे प्रॉसेस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी (AI) की मदद से न केवल स्ट्रक्चरल बिहेवियर (Stractural Behaviour) को रीड (Read) किया जाएगा बल्कि उसका पूरा एक पाथ भी तैयार किया जाएगा।
कैसे होगी चार्ज Self Charging Electric Car ?
अब आईए जानते हैं इस AI सेल्फ चार्जिंग व्हीकल के खसियत के बारे में। अपको बता दें कि इस टेक्नोलॉजी को कार की बैटरी के साथ ही इस्तेमाल किया जाएगा। ये एक डायनमो की तरह से काम करेगी जो लगातार कार को चार्ज करते रहेगीऔर अपको चार्ज करने के लिए स्पेशल समय देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
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और जब आपकी कार चल रही होगी तो वो साथ में चार्ज भी होते रहेगी। ऐसा होने से उसको कभी भी एक्सटर्नल चार्जर (External Charge) की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और आप इस Self Charging Electric Car को बिना रेंज की परवाह किए चला सकते हैं।
जब कि अभी इस तकनीक (Technology) पर कितना खर्च होगा और जब कार बन कर तैयार होगी तो उसकी कीमत कितनी होगी इस से सम्बन्धित सवालों का कोई खुलासा नहीं किया गया है। किन्तु माना जा रहा है कि इस सेल्फ चार्जिंग व्हीकल (Self Charging Electric Car) को काफी सस्ते दामों में लॉन्च की जाएगी।
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