बिहार के नालंदा में छुपे इन जगहों का सफर जरूर करें। और प्रकृति का लुत्फ उठाएं

Bihar ka safar

नालंदा:- नालंदा बिहार के एक प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता  है बिहार का सफर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय को जाना जाता है नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल से प्रसिद्ध है शिक्षा संस्कृति और सभ्यता में अपने योगदान के लिए इसे जाना जाता है यह पटना से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर आपको अनेकों प्रकार के पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे।

1. ब्लैक बुद्धा

नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेषों के पास यह ब्लैक बुद्ध मंदिर नामक एक बहुत ही आधुनिक मंदिर मौजूद है यह थाईलैंड में मौजूद बुध की मंदिरों की तरह ताले प्रतिमाएं यहां पर स्थापित की गई है।

2. गृदधकूट हिल्स

यह नालंदा के सबसे प्राचीन स्थलों में से एक है इसके बारे में ऐसा कहा जाता है (बिहार  का सफर) कि बुद्ध ने अपने कमल उपदेश का प्रचार यहीं पर किया था यह बुद्ध के पसंदीदा ध्यान स्थलों में से एक था बुद्ध की एक मूर्ति जो 600 ईसा पूर्व से भी पहले कि यहां की संग्रहालय में मौजूद है आसपास की वन भूमि और घोरा कटोरा झील की ओर जाने वाले रास्तों का दृश्य पर्यटकों को बहुत ही निभाता है।

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3.जैन मंदिर कुंडलपुर

जैनीयों के दिगंबर संप्रदाय का मानना है कि 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म यहीं पर हुआ था नालंदा के खंडहर से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है राजगीर से निकट होने की वजह से यहां पर पर्यटकों की अच्छी खासी आमद होती है (बिहार  का सफर) यहां पर ठहरने के लिए भक्तों की अच्छी खासी सुविधा की गई है।

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4. हवेन तसांग मेमोरियल हॉल

यह हॉल चीनी विद्वान और महान यात्री हवेन तसांग की याद में बनाई गई थी यह एक स्मारक है जो नालंदा विश्वविद्यालय के खंडरों के पास ही स्थित है जनवरी 1957 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत सरकार की ओर से हवेन तसांग के अवशेष उनकी जीवनी और परम पावन दलाई लामा और उनकी स्मृति को एक हॉल का निर्माण कर उसमें रख दिया।

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5.नालंदा म्यूजियम

अगर आप पुरातत्व सर्वेक्षण में रुचि रखते हैं तो नालंदा म्यूजियम आपको अपनी ओर खींच लेगा यह म्यूजियम साल 1917 में स्थापित किया गया था  (बिहार  का सफर) इसमें नालंदा महावीर के उत्खनन स्थल से प्राप्त पूरा अवशेष पाए गए हैं जो माना जाता है कि यह सबसे पुराना विश्वविद्यालय है जो गुप्त मौखरी और पाल शासकों के संरक्षण में पांचवी और 12 वीं सदी के ईसाई युग के दौरान खुला  था इसमें लगभग 350 कलाकृतियां प्रदर्शित है इसमें मिट्टी के बर्तन हाथी के दांत और बहुत सारे शिलालेख शामिल है।

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6. जल मंदिर पावापुरी

जल मंदिर उस स्थान को चिन्हित करता है जहां भगवान महावीर का अंतिम संस्कार किया गया था ऐसा कहा जाता है कि उनकी चिता की राख की इतनी बड़ी मांग थी कि जल मंदिर जैसा की नाम से पता चलता है कि कमल से खिले सरोवर के बीच में एक मंदिर है सुंदर मंदिर के मुख्य देवता भगवान महावीर की चरण पादुका है (बिहार  का सफर) यहीं पर भगवान महावीर का अंतिम संस्कार किया गया था इसे महावीर के बड़े भाई राजा नंदी वर्धन ने निर्माण करवाया था।

7. समवशरण

यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां तीर्थ कर भगवान महावीर ने अपने पहले और अंतिम शिष्य को उपदेश दिया था।

8. वेणु वन

इस स्थान को उस समय मगध के राजा बिंबिसार द्वारा भगवान बुध को उपहार स्वरूप दिए गए पहले स्थानों में से एक माना जाता है एक बड़ी कृत्रिम झील और झील के बगल में जापानी भक्तों द्वारा निर्मित एक बुध की मूर्ति है जहां कोई भी शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद ले सकता है।

9. ब्रह्म कुंड

यह झरना अपनी गर्म पानी के लिए प्रसिद्ध है गर्म झरने के पवित्र जल में डुबकी लगा लेने से पुरानी से पुरानी बीमारी भी खत्म हो जाती है ऐसा लोगों का मानना है यहां पर कुल 11 गर्म पानी के झरने मौजूद है जिससे अनेकों प्रकार के बीमारियों का उपचार किया जाता है।

10.साइक्लोपीयन वॉल

बड़े पैमाने पर अनडरेस्ट पत्थरों को एक साथ फिट करके बनाया गया यह वाल प्राचीन ग्रीक दीवारों के साथ अपनी समानता के लिए प्रसिद्ध है राजगीर का प्राचीन शहर राजा बिंबिसार और उनके पुत्र अजातशत्रु की राजधानी थी जो बुद्ध के समकालीन थे शहर के चारों ओर एक किले बंद दीवार के निशान पाए जाते हैं यह दीवार लगभग 14 इंच की चौड़ाई वाले बड़े-बड़े अनड्रेस्ड पत्थरों को एक साथ फिट करके बनाई गई है

प्राचीन ग्रीक दीवारों के साथ इसकी समानता के लिए इसे लोकप्रिय रूप से साइक्लोपीयन दीवार कहा जाता है दीवार को मजबूत करने के लिए बीच-बीच में बुर्ज बनाए गए हैं इसमें 32 बड़े द्वार और 64 छोटे दवार बने हुए थे।

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11. पांडू पोखर

राजगीर में 12 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह पांडू पोखर वास्तव में महान भारतीय इतिहास का (बिहार का सफर) एक अद्भुत और शानदार प्रस्तुति पेश करता है जो महाभारत से जुड़ा हुआ है इसमें पांडवों के पिता राजा पांडु ने राजगीर पर हमला किया और उस जगह को घोड़े के अस्तबल में बदल दिया ऐसा कहा जाता है कि जब उन्होंने इस स्थान को छोड़ दिया तो एक झंझावात बन गया और बाद में झंझावात में बारिश की पानी जमी जिससे यह एक पोखर का रूप ले लिया।

12. घोड़ा कटोरा

यह स्थान राजगीर के पास में ही स्थित है इसे इसलिए घोड़ा कटोरा कहा जाता है कि यहां राजगीर के राजाओं के घोड़े पानी पीते थे जिनका आकार घोड़े के आकार के जैसा ही है जो तीन तरफ से पहाड़ी से घिरा हुआ है  (बिहार  का सफर) यह विश्वशांति पैगोडा के पास स्थित है तीर्थ यात्रियों के लिए एक आदर्श जगह माना जाता है यहां पर घोड़ा गाड़ी टांगा और साइकिल पर्यटकों को उन तक पहुंचने में मदद करती है।

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13. नालंदा का खंडहर

नालंदा पटना से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है इसका इतिहास बुद्ध काल से जुड़ा हुआ है नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पांचवी शताब्दी में हुई थी और अगले 700 वर्षों तक यह फलता फूलता रहा मगर पाल काल के अंत जब शुरू हुई तो इसे बख्तियार खिलजी द्वारा 1200 ईसवी के आसपास आक्रमण कर इसे बरबाद कर दिया गया।

14=पिपला गुफा

पीपला गुफा का उल्लेख बौद्ध ग्रंथों में मिलता है जो बुद्ध के प्रमुख शिष्य महा कश्यप का निवास स्थान था कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह स्थान जुआनजैंग के वर्णन से मिलता है जहां देवदत्त गौतम बुध के चचेरे भाई ने अंतिम सांस ली थी यह एक काफी बड़ी प्राचीन पत्थर की संरचना है जिसे स्थानीय रूप से जरासंध की बैठक के रूप में जाना जाता।

15.विश्व शांति स्तूप

विश्व शांति स्तूप राजगीर में 400 मीटर की ऊंचाई पर रत्नागिरी पहाड़ के उच्चतम बिंदु पर स्थित है जो इसके शांत वातावरण से मन को मोह लेता है इसको संगमरमर से बनाया गया है जिसमें भगवान बुद्ध की चार सोने से बनी प्रतिमाएं लगाई गई है रत्नागिरी पहाड़ की चोटी दर्शकों को शांत होने का अनुभव कराती है।

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16.मनियार मठ

यह मनियार मठ बिहार के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है सर अलेक्जेंडर कनिंघम एक ब्रिटिश पुरातत्व वादी है जिन्हें भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण के पिता के रूप में जाना जाता है 1861में मनियार नाम का एक जैन मंदिर मिला सर्वेक्षण से पता चला कि स्थान मूल रूप से नागा के स्थानीय देवता का पूजा क्षेत्र था यहां पर खुदाई के बाद अनोखे सांप के फन वाले टोंटी वाले बर्तन भी पाए गए।

17.बिमबासार जेल

बिमबासार जेल का नाम प्राचीन इतिहास के महान राजा बिमबासार के नाम पर रखा गया है उन्होंने हर्यक वंश की स्थापना की और एक गांव की किलेबंदी की और साथ ही मगध राज्य की नींव भी रखी जो बाद में चलकर पाटलिपुत्र शहर बन गई बिमबासार जेल से गृधकुटटा पहाड़ी के साथ-साथ जापानी पैगोडा का सुंदर दृश्य दिखाई देता है जो यात्रियों को अपनी और आकर्षित करता है।

18.छोटी दरगाह

छोटी दरगाह बिहार शरीफ के आमिर मोहल्ला में स्थित है यहां मखदूम सुल्तान सैयद शाह अहमद चरमपोस बुरहान रहमतुल्ला अलेह का एक पुराना मजार स्थित है।

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