5G Network:- इंसान हर पल कुछ न कुछ नया बनाने और जानने की कोशिश में लगा रहता है और यही कारण है की इंसान को धरती का सबसे उत्तम प्राणी माना जाता है। अभी तक भारत में संचार प्रौद्योगिकी में 4G नेटवर्क का उपयोग किया जाता है पर क्या आपको पता है की भारत अब 5G नेटवर्क पर काम कर रहा है और जल्द ही इसमें बढ़ोतरी दिखेंगी।
21 वी शताब्दी के शुरुआत से ही संचार के क्षेत्रों में विकास होना शुरू हो गया था तरह तरह के खोज से इसे और भी बेहतर बनाया जा रहा था। उन दिनों से लेकर आज तक हमने 2G, 3G, 4G के रूप में खुद को विकसित किया है।
अब भारत में 5G Networkका परीक्षण शुरू हो गया है भिन्न भिन्न जगहों पर किए गए परीक्षण में सफलता भी मिली है। सरकार ने भी 5G Network के स्पेक्ट्रम को टेलीकॉम कंपनियों को दे दिया है और उम्मीद है की भारत में जल्द ही 5G नेटवर्क की शुरुआत होगी। क्या आपको पता है की 5G Network क्या है और इसका काम क्या है? अगर नही पता तो कोई बात नही चलिए मैं आपको आज बताऊंगा की 5G टेक्नोलॉजी क्या है और यह कैसे काम करती है साथ ही हम आपको इससे होने वाले लाभ और नुकसान को भी बतलाएंगे।
• 2G, 3G, 4G, 5G नेटवर्क क्या है?
शुरू से ही सुनते आए है की मोबाइल में 2G, 3G, 4G नेटवर्क होता है पर कभी समझ नही पाए की आखिर ये नेटवर्क में “G” होता क्या है। आसान भाषा में अगर बताए तो नेटवर्क में उच्चारित होने वाले “G” का मतलब Generation हैं जिसका मतलब पीढ़ी होता है।
जैसे हमसब के परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती वैसे ही समय के साथ हुए नेटवर्क में परिवर्तन को G से समझा जाता है। उदहारण के लिए 1G का मतलब First Generation, वहीं 2G का मतलब है Second Generation इसमें ये सब नंबर बस एक व्यक्त करता है।
हर एक जनरेशन में अलग-अलग टेलीफोन के नेटवर्क स्टैंडर्ड होते हैं, जो किसी विशेषकर मोबाइल फोन सिस्टम में हुए उनके बदलाव फ़ीचर्स के बारे में बताता है।
सन् 1980 से लगभग हर एक दशक मे एक-एक नेटवर्क जेनरेशन का विकास हुआ है जो कुल 4 दशक (1G, 2G, 3G, 4G) आता है और अब 5G Network जल्द ही 2023 मे लॉंच होने की उम्मीद हैं।
1980 में इस सफर की शुरुआत 1G (first generation) से की गयी थी वहीं समय के साथ-साथ इसमें ऐसे बहुत से बदलाव आए जैसे 2G, 2.5G, 3G और 4G पीढ़िया आयीं लेकिन सभी में परिवर्तन के साथ-साथ सुधार होती गयी और अब 5G Network तक जारी हैं।
• 5G कैसे में किन रेडियो तरंगों का इस्तेमाल होता है?
5G तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम यानी रेडियो वेव (रेडियो तरंगों) का इस्तेमाल होता है। 5G तकनीक की जानकारी रेडियो तरंगों के बारे में समझने से मिल सकती है। वैज्ञानिक परिभाषा के अमुताबिक एक निश्चित समय अंतराल में एक रेडियो तरंग जितनी बार खुद को दोहराती है, वह वेव फ्रीक्वेंसी कहलाती है।
यह फ्रीक्वेंसी हर्ट्ज में आंकी जाती है। कोई रेडियो तरंग खुद को दोहराने में जितना समय लेती है, उसे उसकी वेवलेंथ कहा जाता है। जब रेडियो तरंगों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जाता है, तो उनकी वेवलेंथ कम होने लगती है।
ऐसे में फ्रीक्वेंसी अधिक होने (या वेवलेंथ कम होने) पर तरंगें तेजी से एक से दूसरी जगह पर तो पहुंचती हैं, लेकिन ज्यादा दूरी तक नहीं जा पाती हैं। इसकी वजह यह है कि वेवलेंथ कम होने की वजह से रेडियो तरंगें विभिन्न सतहों को भेद नहीं पाती हैं। इसके उलट फ्रीक्वेंसी कम और वेवलेंथ ज्यादा होने पर रेडियो तरंगें कम गति होने पर भी ज्यादा दूरी तय कर सकती हैं।
•5G नेटवर्क की स्पीड कितनी होगी?
5G तकनीक से नेटवर्क की इंटरनेट स्पीड को लेकर ऐसे दावे किये जा रहे हैं कि 5G पर इंटरनेट स्पीड 4G के मुकाबले 30 से 40 गुना अधिक तेज होगी। आने वाला समय 5G का है। यह 4G नेटवर्क के मुकाबले बहुत तेज है। 4G नेटवर्क पर जहां औसतन इंटरनेट स्पीड 45 mbps होती है, लेकिन 5G नेटवर्क पर यह स्पीड बढ़कर 1000 mbps तक पहुंच जाएगी।
इससे इंटरनेट की दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी और आम जिंदगी में इसका मतलब होगा कि 4G के मुकाबले 10 से 20 गुना ज्यादा तेज डेटा डाउनलोड किया जा सकेगा। 4G नेटवर्क पर एक फिल्म डाउनलोड करने में जहां छह मिनट लगते हैं, 5G नेटवर्क पर उसे डाउनलोड करने में 20 सेकेंड लगेंगे।
• क्या 5G नेटवर्क से खतरा है?
5G Networkआने से भारत में एक नई सबेरा होगी जहां इंटरनेट पर होने वाले काम अब घंटो के जगह मिनटों और सेकेंडो में होगी। 5G कार्य करने के गति को तीव्र कर देगा।
5G Network शुरू होने के बाद ऑटोमेशन का नया दौर शुरू होगा। अब तक जो चीजें बड़े शहरों तक सीमित हैं उनकी पहुंच गांवों तक होगी। इसमें ई-मेडिसीन शामिल है, शिक्षा और कृषि क्षेत्र को जबरदस्त फायदा होगा। 5G सेवा के आने के बाद देश में डिजिटल क्रांति को नया आयाम मिलेगा। रोबोटिक्स तकनीक का विकास होगा।
देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। साथ ही, ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा। कोरोना संकट के बाद से जिस तरह इंटरनेट पर हमारी निर्भरता बढ़ी है, उसे देखते हुए 5G हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर और सरल बनाने में मदद करेगा।
5G Network टेक्नोलॉजी (TECHNOLOGY)से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, हेल्थकेयर, वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के लिए नये रास्ते खुलेंगे। ड्राइवरलेस कार की संभावना इसके जरिये पूरी होगी। 5G Network पर मशीनें आपस में बात करेंगी।
• 5G नेटवर्क के नुकसान :
5G नेटवर्क शुरू होने से पहले ही लोगो के अंदर डर बैठ गई है की यह उनके लिए खतरा है। 5G टेस्टिंग में दौरान लोगो में तरह तरह के अफवाहों को फैला कर लोगो के अंदर डर उत्पन्न कर दिया है।
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कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5G Network की रेडियो मैग्नेटिक तरंगें (Radio Magnetic Waves) शरीर के टिशूज को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों की राय इससे विपरीत है और उनका तर्क है कि अगर ऐसा कुछ होता तो जिन देशों में 5G Network पहले से काम कर रहा है वहां इसका असर दिखाई दे रहा होता।
भारत के मशहूर टेक एक्सपर्ट्स में से एक, IIT कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर के मुताबिक, RF रेडिएशंस से स्वास्थ्य पर किसी तरह के दुष्प्रभाव की बात किसी रिसर्च में सामने नहीं आए हैं। उनके मुताबिक, 5G को अलग-अलग स्पेक्ट्रम बैंड्स में डिप्लॉय किया जाएगा। मशहूर बैंड्स कम फ्रीक्वेंसी वाले होंगे।
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हाई फ्रीक्वेंसी रेंज वाले बैंड्स की कवरेज छोटी होगी है और उनकी रेडिएशन पावर भी सीमा के भीतर होगी। करंदीकर के मुताबिक, 5G से सेहत को लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।
5G भारत के विकास के पथ को बहुत ही सुलभ कर देगा। विभिन्न क्षेत्रों में इसके आने से विकास होगा और शहर से लेकर गांव तक सभी जगहों पर तरक्की दिखेंगी। 5G Network का भारत को बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है। यह हम सब के जीवन को बेहतर बनाने का काम करेगा।